Hindi Poem On Love-तड़पती ख्वाहिशों ने रात भर सोने ना दिया

0
229
Poem on Love

Hindi Poem On Love-तड़पती ख्वाहिशों ने रात भर सोने ना दिया

Hindi Love Poem

तड़पती ख्वाहिशों ने रात भर सोने ना दिया

खून उतर आया आंखों में पर रोने ना दिया

बैचैन कर रखा है इस जिंदगी की कशमकश ने

गम को मेरे घर में मेरे हौसले ने रहने ना दिया

 

दूर कहीं किनारे पर फिर लहरें मायूस होगी आज

चंद पत्थरों ने सफ़र पूरा होने ना दिया

तड़पती ख्वाहिशों ने रात भर सोने ना दिया

खून उतर आया आंखों में पर रोने ना दिया

कितना सताती है जिंदगी ख्वाहिशों के नाम पर

पर हालाते-ए-वक्त को कभी मेरा होने ना दिया

इबादत करता हूँ हर रोज़ बड़े सलीके से संजय

इश्क में फ़ना अभी तक उसने होने ना दिया

लौट आती है मेरी मजबूरियों बैरंग लिफ़ाफे की तरह

ख्वाहिशों ने अपना पता अब तक ज़ाहिर होने ना दिया

~ Sanjay Khare

Please like , Share and Comment

If you like to read poetry and you were looking for the best poems, then you are in the right place.

This blog has the Best Hindi Poetry and Shayari collection and among the top Hindi blogs in India. Do read the best Hindi poetries and stories on this Hindi Poetry blog.

Do Follow