Hindi Poetry-Krishna Janmashtami 2022

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Krishna Janmashtami 2022

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Hindi Poetry -Krishna Janmashtami 2022

Nand ke anand bhayo , jai kanhaiya lal ki

ब्रह्माण्ड में एक घटना होने जा रही थी , वासुदेव ओर देवकी अपनी आठवी संतान की प्रतीक्षा कर रहे थे , कारागार की सुरक्षा चाक चौबंद थी | उसी समय नन्द की पत्नी यशोदा को भी बच्चा होने वाला था  |
जिस समय वासुदेव-देवकी के यहाँ पुत्र हुआ ठीक उसी समय नन्द की पत्नी यशोदा के यहाँ एक पुत्री को जन्म हुआ  ,
जिस कोठरी में वासुदेव ओर देवकी कैद थे ,उसमें अचानक प्रकाश हुआ और उनके सामने चतुर्भुज भगवन  प्रकट हुये और उन्होंने कहा , में तुम्हारी  आठवी संतान के रूप में जन्म लेने वाला  हूँ , तुम  उसको लेके नन्द के यहाँ जाओ ओर यशोदा की पुत्री को लेकर यहाँ आजाओ |
सब कुछ भगवन की माया के अनुरूप होने लगा , सभी पहरेदार सो गए , कारागार के सभी कपट खुल गए | उफनती यमुना नदी ने राह दी और वासुदेव वहाँ से पुत्री को लेकर वापस मथुरा आ गए  और उस नवजात पुत्री को कंस को दे दिया
कंस ने उस पुत्री को ज्यों ही धरा पर पटका तभी  आकश वाणी हुई, मुर्ख कंस तुझे मरने वाला तो जन्म ले चुका है
वो जल्द ही यहाँ आ के तुझे तेरे पापों का दंड देने वाला है
नन्द के आनंद भयो , जय  कन्हैया लाल की
माखन चोर कृष्ण कन्हैया
जय हो लड्डू  गोपाल की
हाथी घोडा पालकी
जय कन्हैया लाल की

~ Sanjay Khare

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