Poem on Current News-अब तो हर रोज़ ही हर तरफ़ से खबर आती है- सड़को से लेकर बर्फ की घाटी तक लहू से सन जाती है

Poem on Current News-अब तो हर रोज़ ही हर तरफ़ से खबर आती है- सड़को से लेकर बर्फ की घाटी तक लहू से सन जाती है

अब तो हर रोज़ ही हर तरफ़ से खबर आती है-
सड़को से लेकर बर्फ की घाटी तक लहू से सन जाती है

क्या हो गया है देश के सियासतदारों को
सूनी मांग और माँ की उजड़ी गोद नज़र नहीं आती है

उलझे रहते है एक दूसरे को नीचा दिखाने की लिए
और धर्मों की आपसी जंग में मासूमों की मौत हो जाती है

हर सुबह – हर शहर – हर अख़बार में खबर आती है
किसी का अपहरण हो गया किसी की अस्मत लूट ली जाती है

क्यों इतना गुस्सा सर पर उठा रख्खा है आज कल
की बात बात पर गोली और चाकू छुरियां चल जाती है

खौफ़ अब किसी के घरों में नहीं हर किसी के ज़ेहन में रहता है
अमन चैन की बाते तो अब किताबों में पढ़ी जाती है

जो देश सोने की चिड़िया कहलाता था कभी
उस देश में बेरोज़गारी एक समस्या बन जाती है

बात घूम फिर के फिर से सियासत पर आती है
भ्रष्टाचार चोरी चकारी सब की जड़े यहीं से आती है

70 साल आज़ादी के हो गए इस देश के
पर हज़ारों घरों में बिजली आज भी नहीं आती है

आप और हम तो दो वक्त की रोटी की जुगत में रहते है
कोई जो आवाज उठा दे तो उसकी मुसीबत हो जाती है

डरा सहमा हिंदुस्तान ग़रीबी की चादर ओढ़े
अपने अन्दर लगे पैबंद को छुपाये जाती है

15 अगस्त -26 जनवरी – 2 अक्टूबर ये बस तारीख है “संजय”
महीने के आखरी दिनों में तो आम हिन्दुस्तानी की कमर टूट जाती है

 

~ Sanjay Khare

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