भारतीय चाय दिवस
भारतीय चाय दिवस पर एक चाय पर कविता,दोस्तों, चाय एक एसी आदत है की सुबह की शुरुआत को मज़ेदारऔर शाम की थकन को कम कर देती है
और अगर साथ में आपका हमसफ़र या आपका दोस्त हो तो मज़ा कुछ और ही आता है | दो दुःख सुख की बात हो जाती है और मन हल्का हो जाता है बस यूँ ही ख़याल आया और मैंने एक कविता की रचना कर डाली |
भारतीय चाय दिवस पर एक चाय पर कविता |
शाम के चार बजे है
सिर थोड़ा भारी है
सेकेंड हॉफ का ये समय
बड़ा अत्याचारी है
चलो उठो नीचे जाते है
थोड़ा टहल लेते है
और गरम गरम
चाय पी के आते है
चलो चाय पी के आते है
तुम कुछ अपनी कहो
कुछ हम अपनी सुनाते है
चलो चाय पी के आते है
भईया दो कट चाय बना दो
एक में शक्कर कम
और दूसरी में दो चम्मच बढ़ा दो
काँच के कप में नहीं कुल्हड़ में पिला दो
और बताओ क्या हाल है?
पूछो मत यार बुरा हाल है
कल ही रिर्पोट आई है
शुगर का लेवल तो बहुत हाई है
अरे यार,तुम चिंता ज्यादा करते हो
बिला वजह की झंझट में पड़ते हो
तुम अपने काम से काम रखो
दूसरों के चक्कर में क्यों पड़ते हो
मेरी छोड़ो, तुम अपनी बताओ
यार लगी पड़ी है
project में सिरदर्दी बड़ी है
पेमेंट के चलते समस्या खड़ी है
O my god, Boss ka मिस्ड कॉल आया है
लगता है कोई नया काम आया है
अब ये रिपोर्ट बनवाएगा
रात के नौ यहीं बजबाएगा
यही जीवन चक्र है
सुबह की चाय से शुरू
और शाम की चाय पे
खत्म हो जाएगा।