चाय की चुस्की , सुबह की गुलाबी ठण्ड और हाथ में अख़बार आया

इतवार की सुबह और पति पत्नी की नोक झोंक 

बड़ी मशक्कत रही छ: दिन तब जा के ये इतवार आया

नाश्ता कर के पैर फैलाये ही थे की बीबी का फरमान आया

इतवार की सुबह और पति पत्नी की नोक झोंक 

नल टपक रहा है एक महीने से अब तक प्लम्बर नहीं आया

गैस का नंबर भी लगाया था पर अब तक सिलेंडर नहीं आया

तुम से कुछ नहीं हो पाना है हर इतवार तुमने बस बहाना बनाना है

चलो तैयार हो जाओ अब बाज़ार जाना है हफ्ते भर की सब्जी और राशन भी लाना है

आटा भी ख़त्म हो गया है गेंहूँ भी पिसवाना है इतना काम पड़ा है और तुमको फिर से सोने जाना है

बस इतना सुनना था की शारीर में फुर्ती आ गई थोड़ी देर में एक लिस्ट बच्चों की तरफ से भी आ गई

बस इतवार ही तो था जो उनको दे पाया था शायद रिश्ता निभाने के लिए ही इतवार आया था