Emotional Hindi Poem-हर बड़े शहर में एक गाँव बसता है
हर बड़े शहर में
एक गाँव बसता है
रोज़ी रोटी के चक्कर में
जो सुकून को तरसता है
Emotional Hindi Poem-हर बड़े शहर में एक गाँव बसता है
मन तो करता है
अब घर लौट जाएं
पर अपने बुने जाल में
हमेशा ख़ुद ही फसता है
Emotional Hindi Poem-हर बड़े शहर में एक गाँव बसता है
भारी मन से अक्सर
बिना मतलब के हँसता है
हर बड़े शहर में
एक गाँव बसता है
Emotional Hindi Poem-हर बड़े शहर में एक गाँव बसता है
चकाचौंध की ये हालत है
की रातों में दिन सा लगता है
पर एक बात है दोस्तों
मन तो गाँव में ही लगता है
Emotional Hindi Poem-हर बड़े शहर में एक गाँव बसता है
रिश्ते नाते अपनापन
बड़ा महंगा है जनाब
बिना मतलब के यहाँ
कुछ नहीं मिलता है
Emotional Hindi Poem-हर बड़े शहर में एक गाँव बसता है
शहर की भीड़ में
लोग बहुत अकेले है
ऐसी दौड़ में शामिल है
जिसका अंत नहीं होता है
Emotional Hindi Poem-हर बड़े शहर में एक गाँव बसता है
बस चले जा रहे है
आँखों पे पट्टी बाँधें
बिना देखे
बिना समझे
बिना जाने
एक अंत की ओर
Emotional Hindi Poem-हर बड़े शहर में एक गाँव बसता है
ढल जाता है एक नए सांचे में
एक अलग ही परिचय हो जाता है
भीड़ में अकेला
उसको अपना गाँव याद आता है
Emotional Hindi Poem-हर बड़े शहर में एक गाँव बसता है
मन विचलित है
पर हँसता है
क्यों की हर दिल में
एक गाँव बसता है
Emotional Hindi Poem-हर बड़े शहर में एक गाँव बसता है
अगली वेब स्टोरी पर जाने के लिए विजिट करे