"सब जानते हुए भी सब कुछ छुपाते हो
ये बताओ ये हुनर कहाँ से लाते हो"
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सब जानते हुए भी सब कुछ छुपाते हो
ये बताओ ये हुनर कहाँ से लाते हो"
"लाजबाब है ये तुम्हारी अदाकारी
अश्क पी के भी सदा मुस्कुराते हो"
"लाजबाब है ये तुम्हारी अदाकारी
अश्क पी के भी सदा मुस्कुराते हो"
"बात करते नहीं न ही कुछ बताते हो
गजब करते हो साहिब क्यों इतना सताते हो"
"बात करते नहीं न ही कुछ बताते हो
गजब करते हो साहिब क्यों इतना सताते हो"
"में तुम्हारी इश्क की बात नहीं करता
पर जो मन में है वो खुद को कभी बताते हो"
"में तुम्हारी इश्क की बात नहीं करता
पर जो मन में है वो खुद को कभी बताते हो"
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पूछना अपने घर के आइने से कभी क्यों एक ही चहरे के दो दो अक्स दिखाते हो
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पूछना अपने घर के आइने से कभी
क्यों एक ही चहरे के दो दो अक्स दिखाते हो
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Wordsofsanjay.com
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दिल को छु लेने वाली कविता , और पढ़े
मैं अकेला ,सूना पथ
और कोई नहीं
ए जिंदगी
मैं शतरंज बिछाता हूँ
तू अपनी चल चल
देख मैं खुद को बचाता हूँ
ख़ुद ही लिखा
और ख़ुद ही मिटाते रहे
इस अधूरे ख़त को
न जाने कितना सताते रहे